कोलता समाज की आंचलिक बैठक 2 नवम्बर को गढ़फुलझर में — सोशल मीडिया विवाद पर होगी चर्चा
सरायपाली। छत्तीसगढ़ कोलता समाज की आंचलिक सभा सरायपाली के तत्वावधान में आगामी रविवार, 2 नवम्बर 2025 को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक रामचण्डी मंदिर परिसर, गढ़फुलझर में सुबह 10 बजे से प्रारंभ होगी।
बैठक में समाज के विभिन्न शाखाओं के पदाधिकारी, सदस्य एवं वरिष्ठजन शामिल होंगे। इस बैठक का उद्देश्य समाज के भीतर उत्पन्न एक सोशल मीडिया विवाद पर चर्चा करना है।
पृष्ठभूमि : सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट से मचा विवाद
समाज के सदस्य श्री गिरधारी साहू, ग्राम तोंरेसिंहा ने समाज के पदाधिकारियों को आवेदन देकर शिकायत की है कि कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर मनगढ़ंत एवं अपमानजनक लेख प्रकाशित किए गए हैं, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँची है।
इस संबंध में उन्होंने समाजिक मंच के माध्यम से न्याय की मांग करते हुए उचित कार्रवाई की अपेक्षा की है।
बैठक में उपस्थित रहेंगे प्रमुख सदस्य
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुरुषोत्तम प्रधान (ग्राम पतेरापाली, शाखा झिलमिला) को इस विषय पर अपने विचार एवं मत रखने हेतु बैठक में उपस्थित होने की सूचना दी गई है।
बैठक में समाज के आंचलिक पदाधिकारी, शाखा प्रतिनिधि एवं कई वरिष्ठ सदस्य भी शामिल होंगे।
समाज के आंचलिक अध्यक्ष ने बताया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आपसी विवादों को समाजिक मर्यादा और आपसी समझदारी से सुलझाना है, ताकि समाज में एकता और सौहार्द बना रहे।
*समाजिक एकता पर दिया जाएगा बल*
कोलता समाज लम्बे समय से सामाजिक संगठन और भाईचारे की मिसाल रहा है। समाज के नेताओं का कहना है कि व्यक्तिगत मतभेदों या सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं से समाज की एकजुटता प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
इस बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा जाएगा कि भविष्य में ऐसे विवादों को रोकने के लिए समाज स्तर पर एक मीडिया समन्वय समिति का गठन किया जाए, जो किसी भी प्रकार की गलत सूचना या अफवाहों पर नियंत्रण रखे।
संभावित निर्णय
सूत्रों के अनुसार, बैठक में दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा और सामूहिक रूप से निर्णय लिया जाएगा। समाज के वरिष्ठजन यह भी सुनिश्चित करेंगे कि आगे किसी भी सदस्य द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग न किया जाए।
समाज के प्रवक्ता ने बताया कि यह बैठक न केवल शिकायत पर विचार करने के लिए बल्कि समाजिक अनुशासन और मर्यादा के संरक्षण के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। देखना यह होगा कि आगे क्या होगा


