मानसिक स्वास्थ्य, योग और आयुष चिकित्सा पद्धतियों के प्रति जागरूकता हेतु सतत प्रयास। - रोज का खबर

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Saturday, September 13, 2025

मानसिक स्वास्थ्य, योग और आयुष चिकित्सा पद्धतियों के प्रति जागरूकता हेतु सतत प्रयास।

छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अंतर्गत आयुष विभाग द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी गतिविधियाँ संचालित।

महासमुंद, 13 सितम्बर 2025 – छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित रजत महोत्सव के अंतर्गत, जिला आयुष अधिकारी महासमुंद, डॉ. ज्योति गजभिये के कुशल मार्गदर्शन में जनहित में निरंतर रूप से स्वास्थ्य संरक्षण एवं संवर्धन हेतु विविध गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। इस क्रम में आयुष विभाग की विभिन्न इकाइयों द्वारा प्रतिदिन जनजागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।


10 सितम्बर 2025 को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर, शासकीय आयुष पॉली क्लिनिक, महासमुंद में पदस्थ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. सर्वेश दूबे द्वारा विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के विषय में जागरूक किया गया। कार्यक्रम में आत्महत्या की रोकथाम हेतु मनोवैज्ञानिक सहयोग, संवाद की आवश्यकता और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।

इसके अतिरिक्त, डॉ. दूबे द्वारा क्लिनिक में आए रोगियों को गुडूची (गिलोय) की पहचान, औषधीय गुण तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गई।


योग चिकित्सक डॉ. बबीता भगत द्वारा प्रतिदिन योगाभ्यास सत्रों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कुंजल क्रिया, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, आदि के लाभ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उनके प्रभाव की जानकारी दी जा रही है। स्थानीय नागरिकों को योग को दैनिक जीवन में अपनाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।


साथ ही, होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डॉ. माधवी कुशवाहा द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की सरलता, प्रभावशीलता और रोगों के मूल कारणों पर कार्य करने की क्षमता के बारे में बताया गया। वहीं यूनानी चिकित्सा अधिकारी डॉ. पुष्पा साहू द्वारा यूनानी चिकित्सा की सिद्धांतों, हिज़ामा थेरेपी, तदबीर एवं औषधियों की जानकारी देकर लोगों को इसके प्रति जागरूक किया गया।


जिला आयुष कार्यालय महासमुंद द्वारा यह सतत प्रयास किया जा रहा है कि विभिन्न आयुष चिकित्सा पद्धतियों को आमजन तक पहुंचाकर समग्र स्वास्थ्य की दिशा में प्रभावी कार्य किया जाए। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ समाज का निर्माण एवं रोगों की रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाना है।

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