जनपद पिथौरा में ‘आदेश की अवहेलना।
पिथौरा। जनपद पंचायत पिथौरा में पदस्थ एक ग्राम पंचायत सचिव पुनीत सिन्हा पर वरिष्ठ अधिकारियों के स्पष्ट आदेशों की खुलेआम अवहेलना करने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला प्रशासनिक अनुशासनहीनता को दर्शाता है, जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ से इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की जा रही है।
भारमुक्ति के बावजूद कार्यभार नहीं संभाला: आदेश को दिखाया ठेंगा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जनपद पंचायत पिथौरा द्वारा 13 अक्टूबर 2025 को आदेश क्रमांक 2018 जारी किया गया था, जिसके तहत सचिव पुनीत सिन्हा को तत्काल प्रभाव से भारमुक्त कर दिया गया था।
लेकिन आदेश जारी होने और भारमुक्त किए जाने के बावजूद, सचिव पुनीत सिन्हा ने कार्यालय कार्यभार ग्रहण नहीं किया। यह कृत्य सीधे तौर पर प्रशासनिक आदेश की अवमानना और कर्तव्य के प्रति लापरवाही की श्रेणी में आता है। इस तरह एक शासकीय सेवक द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों को ‘धता’ बताना, शासकीय नियमों और प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन माना जा रहा है।
*उच्चाधिकारियों से तत्काल संज्ञान और कार्रवाई की मांग*
इस अनुशासनहीनता के मामले की जानकारी सामने आने के बाद यह मांग जोर पकड़ रही है कि उच्च अधिकारी इस मामले का स्वतः संज्ञान लें। यदि जांच में यह आरोप सही पाए जाते हैं कि सचिव ने जानबूझकर आदेश का पालन नहीं किया है, तो उनके खिलाफ सेवा नियमों के तहत कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में अन्य कर्मचारियों को भी प्रशासनिक आदेशों का पालन करने की अनिवार्यता का स्पष्ट संदेश मिल सके।
लागू होते हैं छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के नियम
शासकीय सेवकों द्वारा आदेशों की अवहेलना के मामलों में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के प्रावधान लागू होते हैं। जिसकी अवहेलना सचिव द्वारा की जा रही है!
